बिहार राज्य निर्वाचन प्राधिकार ने राज्य में हर 5 साल पर होने वाले PACS अध्यक्ष चुनाव की तैयारियाँ पूरी कर ली हैं और चुनाव की तिथि भी तय कर दी है। PACS अध्यक्ष का चुनाव 25 नवंबर से 5 दिसंबर तक पाँच चरणों में आयोजित होगा। जिन-जिन स्थानों पर चुनाव संपन्न हो जाएगा, वहाँ उसी दिन प्रखंड कार्यालय पर मतगणना की जाएगी। यदि किसी कारणवश उसी दिन मतगणना संभव नहीं हो पाई, तो अगले दिन हर हाल में मतगणना पूरी कर ली जाएगी।
मतदान सुबह 7:00 बजे से शाम 4:30 बजे तक होगा, और यह चुनाव बैलेट पेपर पर संपन्न किया जाएगा। राज्य में 6819 PACSों में शांतिपूर्ण और निष्पक्ष चुनाव प्रक्रिया सुनिश्चित करने की तैयारी की जा रही है। इसके लिए सभी जिलाधिकारियों, डीसी, और सहकारिता पदाधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिए गए हैं।
पैक्स चुनाव में किस श्रेणी के लिए कितनी सीट?
बिहार में PACS अध्यक्ष चुनाव की तैयारी के लिए राज्य निर्वाचन प्राधिकार ने बीते बुधवार को पटना में सभी डीडीसी और जिला सहकारिता पदाधिकारियों के साथ बैठक की। इस बैठक में यह निर्णय लिया गया कि 30 सितंबर तक PACS के सदस्यों की सूची तैयार कर ली जाएगी। इस चुनाव में जिला के विकास आयुक्त को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है, जबकि प्रत्येक प्रखंड में प्रखंड विकास पदाधिकारी निर्वाचन पदाधिकारी होंगे।
इस चुनाव में PACS अध्यक्ष और कार्यकारी सदस्य का चुनाव किया जाएगा। अध्यक्ष पद के लिए एक पद होगा, जो अनारक्षित रहेगा। कार्यकारिणी सदस्य के पदों में से दो पद अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित रहेंगे। इसके अतिरिक्त, दो पद पिछड़ी जातियों के लिए, दो पद अत्यंत पिछड़ी जातियों के लिए और पाँच सामान्य श्रेणी के पद होंगे, जिनमें से दो सामान्य महिला के लिए आरक्षित रहेंगे।
राज्य निर्वाचन प्राधिकार के अधिकारी द्वारा दी गई जानकारी
राज्य निर्वाचन प्राधिकार के परामर्शित कुमार शांत रक्षित ने बताया कि पूरे बिहार में लगभग 8000 PACS हैं, जिनमें से करीब 7000 PACS में नवंबर से दिसंबर के बीच चुनाव संपन्न कराने की योजना बनाई जा रही है। दशहरा के बाद चुनाव के लिए अधिसूचना जारी कर दी जाएगी। इस चुनाव के लिए वोटर लिस्ट का प्रकाशन भी शुरू हो चुका है। पिछला PACS चुनाव 2019 में दिसंबर में हुआ था, और 5 साल बाद अब इसे फिर से कराया जा रहा है। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह चुनाव आम चुनाव से अलग होता है, इसमें केवल PACS के सदस्य ही मतदाता होते हैं, और मतदाता सूची भी तैयार कर ली गई है। यह चुनाव मुख्य रूप से किसानों के लिए होता है, और मतदान में सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए पुलिस बल की सहायता भी ली जाती है।
मतपत्र होंगे अलग-अलग रंगों में
चुनाव प्रक्रिया को सरल और व्यवस्थित बनाने के लिए मतपत्रों को अलग-अलग रंगों में बांटा गया है। यह पूरा चुनाव पाँच रंगों के मतपत्रों पर होगा। अध्यक्ष पद के लिए लाल रंग का मतपत्र होगा, जिसमें उम्मीदवारों के नाम होंगे और मतदाता अपनी पसंद के प्रत्याशी को वोट करेंगे। वहीं, कार्यकारी समिति के 11 पदों के लिए चार अन्य रंगों के मतपत्रों का उपयोग किया जाएगा।
अलग-अलग पदों के लिए रंग निम्नलिखित हैं:
- अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के प्रबंधन समिति के लिए आसमानी रंग का मतपत्र।
- अति पिछड़ा वर्ग के लिए सफेद रंग का मतपत्र।
- पिछड़ा वर्ग के लिए हरा रंग का मतपत्र।
- सामान्य कोटि के प्रबंधन समिति के लिए नारंगी रंग का मतपत्र।
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