झारखंड की सबसे हॉट विधानसभा सीट बरहेट पर सबकी नजरें टिकी हैं। इस सीट से झारखंड मुक्ति मोर्चा की ओर से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन चुनाव लड़ रहे हैं। वहीं, अब बीजेपी को भी लंबे मंथन के बाद सीएम सोरेन को टक्कर देने के लिए एक मजबूत उम्मीदवार मिल गया है। भारतीय जनता पार्टी ने झामुमो उम्मीदवार हेमंत सोरेन के खिलाफ गमालियल हेम्ब्रम पर दांव लगाया है।
गौरतलब है कि नामांकन के एक दिन पहले गहन विचार-विमर्श के बाद बीजेपी ने बरहेट सीट से गमालियल हेम्ब्रम को मैदान में उतारा है। हालांकि, बरहेट सीट गमालियल के लिए नई नहीं है; पिछले चुनाव में भी वे हेमंत सोरेन के खिलाफ चुनाव लड़ चुके हैं। अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित यह सीट झामुमो के लिए सबसे सुरक्षित मानी जाती है, और हेमंत सोरेन यहां से 2014 से लगातार चुनाव जीत रहे हैं।
हेमंत सोरेन के गढ़ में सेंध लगाएंगे हेम्ब्रम!
बरहेट विधानसभा सीट को झारखंड मुक्ति मोर्चा का गढ़ माना जाता है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस सीट से लगातार तीसरी बार नामांकन दाखिल किया है। बरहेट में 20 नवंबर को वोटिंग होगी। इस सीट पर बीजेपी के उम्मीदवार गमालियल हेम्ब्रम, जो टीचर की नौकरी छोड़कर करीब पांच साल पहले राजनीति में सक्रिय हुए, इस बार हेमंत सोरेन को चुनौती देंगे। 2019 में गमालियल हेम्ब्रम ने आजसु पार्टी के टिकट से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खिलाफ चुनाव लड़ा था, लेकिन उन्हें मात्र 2573 वोट मिले थे और उनकी जमानत जब्त हो गई थी।
गमालियल हेम्ब्रम खेल के प्रति अपनी गहरी रुचि के लिए भी जाने जाते हैं। वे बड़े पैमाने पर फुटबॉल टूर्नामेंट का आयोजन करते हैं, जिसमें देश-विदेश के खिलाड़ी भाग लेते हैं। 2011 की जनगणना के अनुसार, बरहेट ब्लॉक की कुल जनसंख्या 1,30,227 है, जिसमें अनुसूचित जाति की आबादी 5,525 (4.24%) और अनुसूचित जनजाति की आबादी 70,233 (53.93%) है।
हेमंत के खिलाफ गमालियल हेम्ब्रम ही क्यों?
कहा जा रहा है कि बीजेपी की आखिर तक की इस खोज के पीछे कई कारण हैं। गमालियल हेम्ब्रम बरहेट के निवासी हैं, यानी वे अपनी घरेलू सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। 2017 से वे संघ से जुड़े हुए हैं और सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं। संगठन के कार्यकर्ताओं के अनुसार, गमालियल संथाली समुदाय से आते हैं, युवा हैं और अपने क्षेत्र में उनकी अच्छी पहचान है। इतना ही नहीं, बीजेपी झारखंड का जो भविष्य देखना चाहती है, उसमें वे पूरी तरह फिट बैठते हैं।
दूसरी ओर, बीजेपी में हेमंत सोरेन के खिलाफ एक मजबूत चेहरे की तलाश 2014 से चल रही है। 2014 के चुनाव में बीजेपी ने हेमंत के खिलाफ हेमलाल मुरमू को उतारा, लेकिन जीत हासिल नहीं कर सकी। 2019 में भी हेमंत सोरेन के खिलाफ कई बैठकों के बाद सिमोन मलतो को टिकट दिया गया, लेकिन उन्हें 47,985 वोटों से हार का सामना करना पड़ा। अब इस बार बीजेपी की तलाश गमालियल हेम्ब्रम पर जाकर समाप्त हुई है।
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