पटना: बिहार में प्राथमिक कृषि साख समितियों (पैक्स) के चुनाव के लिए नामांकन प्रक्रिया शुरू हो गई है। यह चुनाव राज्य भर में पांच चरणों में आयोजित किए जाएंगे, जो दिसंबर के अंत तक संपन्न होंगे। पैक्स चुनाव ग्रामीण क्षेत्रों में अत्यधिक महत्वपूर्ण माने जाते हैं, क्योंकि इन समितियों का सीधा संबंध किसानों की वित्तीय आवश्यकताओं और विकास योजनाओं से होता है। बिहार के 1580 पैक्सों में चुनाव के लिए नामांकन प्रक्रिया सोमवार से शुरू हो गई है। पहले चरण के नामांकन फॉर्म 13 नवंबर तक भरे जा सकेंगे। नाम वापसी 19 नवंबर को होगी, और मतदान 26 नवंबर को होगा।
चुनाव आयोग ने मतदान और मतगणना की तारीखों का विस्तृत कार्यक्रम जारी किया है। पहले चरण का मतदान 15 नवंबर से शुरू होगा, और अंतिम चरण 10 दिसंबर को समाप्त होगा। मतगणना अगले दिन होगी और उसी दिन परिणामों की घोषणा की जाएगी।
चुनाव का महत्व
पैक्स समितियां ग्रामीण क्षेत्रों में कर्ज, बीज वितरण, और विभिन्न कृषि योजनाओं का संचालन करती हैं। इसके अलावा, सरकार द्वारा किसानों को दी जाने वाली सब्सिडी और अनुदान का वितरण भी इन्हीं समितियों के माध्यम से किया जाता है। इस कारण से पैक्स चुनाव में ग्रामीण समुदाय की गहरी दिलचस्पी रहती है।
मतदान की तैयारी
बिहार सरकार और चुनाव आयोग ने मतदान प्रक्रिया को निष्पक्ष और सुरक्षित बनाने के लिए कई कदम उठाए हैं। सभी मतदान केंद्रों पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। इसके अलावा, चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने के लिए डिजिटल साधनों का भी उपयोग किया जाएगा।
उम्मीदवारों में उत्साह
नामांकन प्रक्रिया के शुरू होते ही विभिन्न राजनीतिक दलों के समर्थकों और स्वतंत्र उम्मीदवारों में काफी उत्साह देखा जा रहा है। उम्मीदवारों ने अपने-अपने क्षेत्रों में प्रचार अभियान भी शुरू कर दिया है और ग्रामीणों के बीच जाकर उनसे समर्थन मांग रहे हैं।
चुनाव कार्यक्रम
- पहला चरण: 15 नवंबर
- दूसरा चरण: 20 नवंबर
- तीसरा चरण: 25 नवंबर
- चौथा चरण: 30 नवंबर
- पाँचवां चरण: 10 दिसंबर
चुनाव आयोग की तैयारी
चुनाव आयोग ने सभी जिलों में मतदान की तैयारियों की समीक्षा की है। कोविड-19 के खतरे को ध्यान में रखते हुए मतदान केंद्रों पर आवश्यक स्वास्थ्य प्रोटोकॉल का पालन अनिवार्य किया गया है।
ग्रामीणों की सहभागिता
पैक्स चुनाव में ग्रामीण मतदाता अपनी भागीदारी के लिए उत्सुक रहते हैं, क्योंकि ये चुनाव उनके दैनिक जीवन और कृषि कार्यों पर सीधा प्रभाव डालते हैं।
बिहार में पैक्स चुनाव की यह प्रक्रिया ग्रामीण जीवन में सुधार के लिए एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि इस बार ग्रामीण मतदाता किसे अपना समर्थन देते हैं और किन मुद्दों पर चुनाव की दिशा तय होती है।