झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 के मद्देनजर सियासी हलचल तेज हो गई है। इस बीच झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) को बड़ा झटका लगा है। सोरेन के नामांकन प्रस्तावकों में से एक और शहीद सिदो-कान्हू के वंशज मंडल मुर्मू ने बीजेपी का दामन थाम लिया है। रविवार, 3 नवंबर को बीजेपी में शामिल होकर मंडल मुर्मू ने जेएमएम के लिए चुनौती खड़ी कर दी है। उनके इस कदम से चुनावी माहौल में बदलाव की अटकलें तेज हो गई हैं।
पुलिस ने रोका और बदल गया मुर्मू का ‘मन’!
हाल ही में झारखंड विधानसभा चुनाव के माहौल में एक अहम घटना हुई जब मंडल मुर्मू को रांची की यात्रा के दौरान झारखंड पुलिस ने हिरासत में ले लिया। उस समय अटकलें थीं कि वे बीजेपी में शामिल होने जा रहे हैं। हालांकि, तलाशी के बाद उन्हें छोड़ दिया गया। जेएमएम ने उन्हें पार्टी में बनाए रखने की पूरी कोशिश की, लेकिन अंततः वे बीजेपी में शामिल हो गए।
यह घटना उस समय और दिलचस्प हो गई जब हेमंत सोरेन ने बरहेट विधानसभा सीट से अपना नामांकन दाखिल किया और उनके प्रस्तावक मंडल मुर्मू को डुमरी में पुलिस ने रोक लिया। मुर्मू की गाड़ी को चेकिंग के लिए रोका गया था। इस मामले ने तब नया मोड़ लिया जब झारखंड के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने कहा कि चेकिंग के दौरान चुनाव आयोग के निर्देशों का सही तरीके से पालन नहीं हुआ।
निशिकांत दुबे की मुलाकात ने बदल दिया गेम
झारखंड के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने हाल ही में एक बयान में बताया कि मंडल मुर्मू की गाड़ी की चेकिंग के दौरान वीडियो रिकॉर्डिंग नहीं की गई थी। उन्होंने यह भी कहा कि यदि गाड़ी में कोई आपत्तिजनक सामग्री नहीं मिलती, तो किसी को हिरासत में नहीं लिया जा सकता। इस बयान के बाद बीजेपी ने हेमंत सोरेन और झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) पर तीखे हमले किए।
बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने इस मामले में मंडल मुर्मू से मुलाकात की, जिससे सियासी समीकरण बदल गए। अंततः, 3 नवंबर को मंडल मुर्मू ने बीजेपी का दामन थाम लिया। झारखंड में कुल 81 विधानसभा सीटों पर दो चरणों में मतदान होगा—13 और 20 नवंबर को, और नतीजे 23 नवंबर को घोषित किए जाएंगे।
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